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About Me

Playing & singing melodious music, on keyboard, the natural music may connect one with universe, even once you reach the optimum, connect you with the ultimate almighty,

God understand only the vibration, that has been created with your music, and finally you are connected, remember you are successful ony when God accept you and you are blessed,

Remember, age has never been any hindress in learning, all you need is your passion, determination, and faith never die, keep it alive, have faith in yourself and the God, with your devotion you will know that you have been accepted by His almighty and success has reached to you,

I promise, that day will be greatest day in your life, A new life, a new journey now begins and begins never ending, just go on go on and go on. You are a blessed child, a person. Who help others, God bless him.

Thanks

मेरा परिचय

नाम : ललित निरंजन

जन्म तिथि : 05 जुलाई  १९४३

जन्म स्थान : फॉरबिसगंज

मैट्रिकुलेशन : ली एकेडेमी, फॉरबिसगंज १९५८

इंटरमीडिएट साइंस : पूर्णया कॉलेज १९६०

स्नातक :  सिविल इंजीनियरिंग, भागलपुर कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग १९६४

बिहार सरकार में जल संसाधन विभाग में  १९६५ में सहायक अभियंता के पद पर बिहार लोक सेवा द्वारा नियुक्ति , १९६६ से १९७० तक चार वर्ष भारतीय सेना में शार्ट सर्विस कमीशंड ऑफ़िसर के रूप में कार्यरत I

१९७० से पुनः बिहार सरकार में जल संसाधन विभाग में पदस्थापित अन्ततः बिहार एवं झारखण्ड सरकार में मुख्य अभियंता पद से २००१ में सेवा निवृत

साहित्यिक क्षेत्र में विशेष अभिरुचि                 

बचपन से साहित्य कीओर विशेष अभिरुचि, स्कूल और कालेज के दिनों में लगभग सभी प्रख्यात साहित्यकारों की रचना पढ़ डाली,प्रेमचंद, अज्ञेय, धर्मवीर भारती, रेनू, रविंद्रनाथ टैगोर की रचनाओं ने विशेष रूप से प्रवाभित किया I

१९८० से कविता लिखना प्रारम्भ किया, शनैः शनैः कहानी  लेखन की ओर झुकाव, अब तक पांच कहानियां लिख चूका हूँ,,प्रथम  कहानी "हाँ वो गंगा ही था"  प्रतिष्ठित पत्रिका कथा बिम्ब (मुंबई से प्रकाशित) में प्रकाशित हो चुकी है जिसे काफी सराहा गया,एक संस्मरण "काश वो लम्हे" और एक कहानी "सुनयना कहा खो गयी" अररिया से प्रकाशित पत्रिका संबदिया   में प्रकाशित हो चुकी  है I एक उपन्यास "क्या तलाश है:" जानकी प्रकाशन पटना के सौजन्य से प्रकशित हो चुकी है जो बड़े शहरों में "लिव इन रिलेशन शिप" पर आधारित है.                         अन्य रूचि

पाक कला में विशेष अभिरुचि,इंटरनेट पर रेसेपी बुक उपलब्ध, संगीत से गहरा लगाव, "की बोर्ड" पर अपने बजाये हुए ३००  गाने, भजन,देश भक्ति गीत, आध्यात्म्य संगीत  को स्वं ही यूट्यूब पर अपलोड भी किया है, जिसका लिंक मैं यहाँ पर दे रहा हूँ I इसके अतिरिक्त विविन्न  देशों  के  २५०० मूवी का व्यक्तिगत संग्रह और अंत में  

उपरोक्त उपलब्धि के पश्चात जीवन की इस संध्या बेला में एक ही बात समझ में आई कि मैं एक अच्छा इंसान बन सकूं, प्रभु की सेवा करूँ और यथा शक्ति जरूरतमंदों की मदद कर सकूं  

 

 

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